जयहिंद सेना के प्रमुख नवीन जयहिंद ने पहाड़ियों में जयहिंद सेना के कोर कमांडर कैम्प की रविवार को ख़त्म हो गया। ये वही कोर कमांडर है जिन्होंने प्रदेश के लाखों बुजुर्गो, विधवाओं, व विकलांगों की पेंशन, फैमिली आईडी के लिए व खिलाड़ियों के खेल कोटे के लिए लड़ाई लड़ी थी व दलितों के मकान गिरने से बचाए थे व बेरोजगारों के रोजगार के लिए बेरोजगारों की बारात निकाली थी, हरियाणा पुलिस के कर्मचारियों, गेस्ट टीचर्स, कंप्यूटर टीचर्स, ड्राइंग टीचर्स के हक़ों की लड़ाई लड़ी है।
जयहिंद ने कोर कमांडर कैंप में आए जयहिन्द सेना के सैनिकों की ट्रेनिंग पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करा कर शुरू करी और सुबह सायं योगा करवाया ।
जयहिन्द सेना कोर कमांडर कैम्प का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी टीम तैयार करना है जो अपने अपने क्षेत्र में जो जो समस्याएं हैं उनको प्रशासन के समान उठाएं और अपने एमएलए, एमपी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से समस्याओं के बारे में सवाल पूछ सके व अवगत कराए ।
जयहिंद ने बताया आज के समय में मुख्य समस्याएं हैं जो कि लोग प्रशासन के सामने अपने मुद्दे व समस्याएं उठाने से डरते हैं इसलिए जयहिंद सेना कोर कमांडर कैम्प का उद्देश्य लोगों के अंदर से यह डर निकालना है ताकि लोग अपने हक की आवाज उठा सके और लोगों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ सरकार से लड़ सके।
नवीन जयहिंद ने जयहिंद सेना कैंप में आए सैनिकों को बताया की अपने हक की आवाज सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक कैसे आवाज उठाई सकती है उसकी जानकारी दी गयी । और सोशल मीडिया के गुर सिखाए गए।
नवीन जयहिंद ने बताया जयहिंद सेना लीडरशिप में आए एक एक सैनिक एक एक हज़ार के बराबर है ।
जयहिन्द ने उन महान बलिदानियों को याद करते हुए जयहिन्द सेना के सैनिकों को उनका इतिहास बताया किस तरह महान बलिदानियों ने बिना अपने प्राणों की चिंता कर लोगों के लिए हक की आवाज उठाई और शहीद हो गए, साथ यह निराशा जताते हुए कहा की बलिदानी यह नहीं जानते थे कि जिन लोगों के लिए उन्होंने बलिदान दिया है आज फिर उन्हीं लोगों पर अन्याय हो रहा है ।
इस कैम्प में प्रदेश के सभी ज़िलों के कोर कमांडरों ने हिस्सा लेकर ट्रेनिंग ली ।