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ये लड़ाई मान सम्मान की है , पैसे की नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लडूंगा - दादा दुलीचंद

Press Note

ये लड़ाई मान सम्मान की है , पैसे की नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लडूंगा - दादा दुलीचंद

 फिल्म से कमाए पैसे को वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम और गौशाला में करें दान - जयहिंद

कंटेंट चोरी करके पैसा कामना पाप - जयहिंद

"थारा फूफा जिन्दा है" मामले में दर्ज केस में पेश हुए एप सहित पाँच के वकील




जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद शुक्रवार को रोहतक जिला कोर्ट में "थारा फूफा जिन्दा है" मामले में सुनवाई में जज आदित्य यादव की कोर्ट में पेश हुए | इससे पहले एप सहित पांच लोगों के नाम कोर्ट ने सम्मन जारी किया था | इस मौके पर एप, नीरज चोपड़ा (ब्रांड एम्बसडर), डायरेक्टर संजय भसीन, विश्वास चौहान, हरीश छाबड़ा के वकील रोहतक जिला कोर्ट पहुंचें | दुसरे पक्ष ने समय माँगा जिसके बाद इस मामले में अगली तारीख 8 मई की दी गई है |

जयहिंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि असली फूफा 104 वर्षीय दादी दुलीचंद है जिन्होंने 2 साल पहले"थारा फूफा जिंदा है" कि मुहिम चलाई थी और प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन बनवाई। सरकारी कागजों में सरकार ने इन्हें मरा हुआ दिखाया था और इसी को लेकर तब इन्होंने संघर्ष किया था और यह अभियान चलाया। उहोने जज के सामने यही बात रखी कि पूरी दुनिया में सबसे पहले "थारा फूफा जिन्दा है" की मुहीम दादा दुलीचंद के साथ उन्होंने चलाई थी | इस एप ने व्यवसायिक तौर पर ये शब्द इस्तेमाल किये है | अगर वे गलत साबित होते है तो कोर्ट चाहे तो बेशक नवीन जयहिंद पर जुर्माना लगा दे |

जयहिंद ने कहा कि हमें इस से एप कोई पैसा नहीं चाहिए | हमारी एक ही अपील ही कि ये एप जितना भी पैसा कमाए उसे वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम और गौशाला में दान दे |साथ ही दादा दुलीचंद से माफ़ी मांगे | उन्होंने पहले एप को समय दिया था माफ़ी मांगने और नाम बदलने के लिए लेकिन एप की तरफ से कोई जवाब न आने की वजह से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा | इस तरह से कंटेंट चोरी करना आज के युग में पाप से कम नहीं है | अब ये लड़ाई मान -सम्मान की है पैसे की नहीं| दादा दुलीचंद के साथ अगर सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे संघर्ष जरुर करेंगे |  
इस मौके पर एडवोकेट गौरव भारती, एडवोकेट मदनलाल मोजूद रहे |

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