/ नवीन जयहिंद विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर जनता के मुद्दो को लेकर सक्रिय हो गए हैं जयहिंद ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया की देश प्रदेश में दशहरे का त्यौहार हैं नवीन जयहिंद ने एक बार फिर नेताओं के चरित्र पर उँगली उठाई है और उन्हें रावण का पुतला न जलाने की सलाह दे दी ।
जयहिंद ने बताया की दशहरा आने वाला है। और भ्रष्टाचारी और अहंकारी नेता रावण के पुतले को ना जलाए जयहिन्द ने जनता से भी अपील करते हुए कहा कि जनता इन विधायकों, सांसदों व मंत्रियों से रावण का पुतला न जलवाए। रावण तो बहुत ही ज्ञानी व्यतित्व वाले थे लेकिन ये सब नेता तो चरित्रहीन और बेईमान है। रावण को जलाने का हक सिर्फ उसी व्यक्ति को होना चाहिए जिसका राम जैसा चरित्र हो। क्योंकि रावण बुद्धिमान होने के साथ साथ वेदों का ज्ञाता था, शिव जी का सबसे बड़ा भगत था और सबसे बड़ा तपस्वी था।
जयहिंद ने बताया कि आजकल के नेताओ में अहंकार और घमंड भरा हुआ हैं वही जयहिंद ने नेताओ के चरित्र पर भी सवाल खड़े कर दिए और कहा की नेता अपने अहंकार और घमंड के कारण ही जनता की समस्याओं को नही उठाते । चुनाव से पहले जो नेता जनता के पैरों में बैठे थे अब चुनाव के बाद ये नेता जनता हाल पूछना तो दूर अगले चार साल दिखाई देने वाले भी नहीं।
जयहिंद ने नेताओ को सलाह देते हुए कहा की नेता पहले अपने अंदर फैले हुए घमंड का त्याग कर दे और जनता के मुद्दो की आवाज बने जब तक नेताओ में अहंकार और घमंड भरा रहेगा नेता जनता की दुख तकलीफों को नही समझेंगे इसलिए पहले नेता अपने अंदर की बुराइओ को दूर करे और अपना स्वभाव और अच्छे चरित्र का निर्माण करे
जिस नेता का चरित्र राम जैसे स्वरूप और विचारों जैसा हो तब ही रावण के फुतले का दहन करने की सोचना क्योंकि आजकल के नेता तो अंश भर भी राम की बराबरी नहीं कर सकते क्योंकि अधिकतर नेता झूठे और ठग प्रवृति के हैं जो सिर्फ अपने घर भरने तक सीमित हैं ।
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पापी, भ्रष्टाचारी और अहंकारी नेता न जलाये रावण को - जयहिंद
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