रोहतक (10 जनवरी) / जयहिन्द सेना द्वारा योद्धा खानदान जयहिन्द को रोटी–दान मुहीम चलाई गई है। इसी कड़ी में शुक्रवार 10 जनवरी को जयहिन्द के 20 साल पुराने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी हॉस्टल के साथी रोहतक निवासी इंद्रजीत शास्त्री जी ने नवीन जयहिन्द को अपने घर बुलाकर खाना खिलाया और 61000 रुपए दान दिया साथ ही बड़े भाई अमरजीत शास्त्री ने अमेरिका से एक लाख रुपए की सहायता भेजी। जयहिन्द ने इंद्रजीत शास्त्री व अमरजीत शास्त्री और उनके पूरे परिवार का आभार जताया। साथ ही जयहिन्द ने सभी को रविवार 12 जनवरी को रोहतक तम्बू में आयोजित होने वाले भंडारे का न्योता दिया।
जयहिन्द ने 7027–822–822 नंबर जारी करते हुए बताया कि जो भी साथी जयहिन्द सेना से जुड़ना चाहता है वह हमारे इस नंबर पर कॉल करके हमसे सीधा जुड़ सकता है।
जयहिन्द ने बताया कि इंद्रजीत शास्त्री व इनके बड़े भाई अमरजीत शास्त्री जी दोनों मेरे 20 साल पुराने हॉस्टल के साथी थे है। अमरजीत शास्त्री जी आर्य समाजी है और बहुत बड़े धर्म गुरु है। अमेरिका में हवन करवाकर सनातनी धर्म का प्रचार करते है व दोनों भाई बहुत ही संघर्षशील आदमी है, ये आज से नहीं बल्कि 20 साल पहले हॉस्टल के समय से ही हमारे हर अच्छे बुरे समय में हमेशा आगे खड़े रहे है और आज हम इंद्रजीत व उनके परिवार का रोटी–दान के लिए बहुत आभार व्यक्त करते है।
इंद्रजीत शास्त्री जी ने बताया कि जयहिन्द एक ऐसा आदमी है जो निस्वार्थ भाव से हर वर्ग के लोगों की मदद करता है और लोगों की समस्याओं का समाधान करवाने के लिए अकेले ही सरकार व प्रशासन से भीड़ जाता है। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि दादा दुलीचंद की बारात से लाखों बुजुर्गो, विकलांगों व विधवा महिलाओं की पेंशन बनी व फैमिली आईडी और बीपीएल कार्ड संबंधित समस्याओं का समाधान हुआ, पहरावर की जमीन से सालों से सरकारों का कब्जा हटवाया, बेरोजगारों की बारात निकाली जिसके बाद 25 हजार बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी मिली, खिलाड़ियों का खेल कोटा खत्म हुआ तो जयहिन्द ने सोटा उठाया जिसके बाद सरकार को 3% खेल कोटा बहाल करना पड़ा, दलितों के घर गिराने से बचाए व बहुत से ऐसे आंदोलन जयहिन्द ने किए जिनसे लाखों बुजुर्गो, बेरोजगारों, विकलांगों, खिलाड़ियों व हर वर्ग के लोगों को लाभ मिला।
Share Post :
अमरीका से अमरजीत शास्त्री ने जयहिन्द को भेजी एक लाख की सहायता
अमरीका से अमरजीत शास्त्री ने जयहिन्द को भेजी एक लाख की सहायता
----------------1-501.jpeg